डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने कहा है कि गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए इसके किनारे पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। वे कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं।
प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी दिवाकर वशिष्ठ ने जिला गंगा सुरक्षा समिति के दायित्वों सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, मॉनिटरिंग, नदी-सतह की सफाई, जैव-विविधता, पौधरोपण, जन जागरूकता, औद्योगिक बहिस्राव निगरानी, गंगा ग्रामों के विकास पर प्रकाश डाला। डीएम ने सभी विभागों को उनसे संबंधित कार्यों के लिए निर्देश दिए गए।
नगर पालिका, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों एवं डीपीआरओ को नदियों में गिरने वाले नालों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने नदी के किनारे पर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने एवं नियमित निरीक्षण व साफ-सफाई किए जाने की बात कही गई। पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसी एक नदी या नहर के किनारे ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए पौधों का चयन कर नगरपालिका व वन विभाग शीघ्र निरीक्षण कर कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी ने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया कि नदियों के किनारे स्थित गांव जिसका गंदा पानी नदियों में न जाए उसकी कार्ययोजना तैयार कर वन विभाग को उपलब्ध कराएं। लोक निर्माण विभाग सड़कों पर उड़ रही धूल को रोकने की प्रभावी कार्रवाई करे और पौधरोपण के लिए अभी से स्थल चयन कर उसकी सूची वन विभाग को उपलब्ध कराए।
बैठक में पर्यावरणविद् एवं समिति के सदस्यों ने लोगों की आवश्यकताओं, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं गंगा किनारे बसे लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया। पर्यावरणविद् सुबोध नंदन शर्मा ने गंगा के पानी को स्वच्छ रखने के लिए गंगा किनारे बंबू व जामुन के पेड़ लगाए जाने का सुझाव रखा।
उन्होंने बताया कि अलीगढ़ की सीमा में सेंगर नदी जलकुंभी से अटी पड़ी है। इसमें मनरेगा के माध्यम से सुधार कार्य कराए जाएं। डीएफओ ने बताया कि तालानगरी में स्थापित बड़े पार्क में स्मृति वन की स्थापना की जाएगी। बैठक में सीडीओ अंकित खंडेलवाल, डीडीओ भरत कुमार मिश्र, पीडी डीआरडीए भाल चंद्र त्रिपाठी, डीपीआरओ धनंजय जायसवाल के अलावा समिति सदस्य ज्ञानेश शर्मा, नेकराम शर्मा आदि मौजूद रहे।