सेकेंड हैंड कार के लिए लोन लेने जा रहे हैं तो पहले जान लें यह जरूरी बातें


भारत में उपभोक्ताओं की उपभोग क्षमता बढ़ी है, लेकिन हमारे देश में बचत को अभी भी पहली प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे में सेकेंड हैंड चीजों का इस्तेमाल करने का कॉन्सेप्ट हमारे यहां बहुत अनजाना नहीं है. लॉकडाउन के बाद से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय लोगों ने अब अपनी निजी गाड़ी भी ज्यादा इस्तेमाल करनी शुरू कर दी है. ऐसी स्थिति में लोग यूज़्ड कार खरीदने से भी पीछे नहीं हैं. यह खरीदने के अपने फायदे भी हैं. आज के वक्त में कार रखना भी एक बड़ा खर्च है, ऐसे में सेकेंड हैंड कार खरीदकर आप बचत भी कर सकते हैं.

अगर आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदना चाहते हैं और इसके लिए लोन लेना चाहते हैं तो उसके पहले हम यहां कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगी.

1. अगर आप तीन साल से ज्यादा पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं तो यह जान लें कि कई ऐसे बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी हैं जो ऐसे मामले में लोन नहीं देती हैं. अधिकतर बैंक और NBFCs 100 फीसदी फाइनेंस ऑफर करते हैं.

2. बहुत संभव है कि यूज़्ड कार खरीदने पर इंश्योरेंस की लागत लोन अमाउंट में नहीं जुड़ेगी.

3. अगर आप नई कार ले रहे हैं तो हो सकता है कि आपके इसके मुकाबले यूज़्ड कार के लोन पर ज्यादा ब्याज देना पड़े.

4. यूज्ड कार के लिए लोन लेते वक्त EMI अमाउंट और रिपेमेंट की शर्तों को ध्यान से पढ़ लें. अगर आप फोरक्लोजर करते हैं यानी कि लोन का ड्यूरेशन खत्म होने से पहले लोन चुकाकर रफा-दफा करते हैं को इसके लिए कुछ बैंक जुर्माना लेते हैं.

5. किसी भी लोन की तरह यूज्ड कार के लोन के लिए भी आपको जरूरी दस्तावेज देने होंगे और सारी कागजी कार्रवाई पूरी करनी होगी. लोन फॉर्म, आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ के साथ-साथ, आपको लोन मंजूर करवाने के लिए गाड़ी की वैल्यूएशन रिपोर्ट भी देनी होगी. साथ में चाहे आप सैलरीड एम्पलॉई हैं या फिर अपना बिजनेस चलाते हैं, आपको अपना आय प्रमाण पत्र भी देना होगा.

6. अगर आपकी क्रेडिट स्कोर कम है, तो आपका लोन एप्लीकेशन खारिज हो सकता है या फिर खारिज न हो तो भी ब्याज दर अपेक्षतया ज्यादा रह सकती है. एक अच्छी बात यह है कि आप किसी के को-एप्लीकेंट बनकर भी यूज्ड कार लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

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