ट्विटर से खाली हाथ नहीं जाएंगे पराग अग्रवाल समेत टॉप ऑफिसर्स, कंपनी खर्च करेगी 100 मिलियन डॉलर


दुनिया के सबसे अमीर और टेस्ला मोटर के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर को खरीदने के तुरंत बाद प्रमुख अधिकारियों को जॉब से निकाल दिया. रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफओ नेड सेगल, जनरल काउंसल सीन एडगेट और कानूनी नीति, ट्रस्ट और सुरक्षा के प्रमुख विजया गड्डे की ट्विटर (Twitter Inc.) से छुट्टी कर दी है. बेशक इन लोगों को कंपनी ने हटा दिया है, लेकिन यह इनके लिए फायदे का सौदा होने जा रहा है. ट्विटर इंक से निकाले जाने के बदले इन लोगों को बड़ी राशि मिलने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal), सीएफओ नेड सेगल, जनरल काउंसल सीन एडगेट को हर्जाने के तौर पर कंपनी कुल 100 मिलियन डॉलर खर्च करेगी.

इसमें सबसे ज्यादा शेयर पराग अग्रवाल का ही रहेगा. क्योंकि कंपनी के सीईओ के रूप में नियुक्त होने के 12 महीनों के भीतर अगर पराग अग्रवाल को नौकरी से निकाला जाता है, तो उन्हें लगभग 42 से 50 मिलियन डॉलर मिलेगा. अग्रवाल ने नवंबर 2021 में जैक डोर्सी (Jack Dorsey) के बाद ट्विटर (Twitter) के सीईओ का पदभार संभाला था.

ब्लूमबर्ग न्यूज के कैल्कुलेशन के मुताबिक, पराग अग्रवाल, जिन्होंने एक साल से भी कम समय पहले सीईओ बनाए गए थे; वो हर्जाने के तौर पर कंपनी से लगभग 50 मिलियन डॉलर पाने के हकदार हैं. वहीं, सीएफओ नेड सेगल और कानूनी, नीति और ट्रस्ट के प्रमुख विजया गड्डे क्रमशः 37 मिलियन डॉलर और 17 मिलियन डॉलर बतौर हर्जाना पाने के हकदार हैं. सौदे के एक हिस्से के रूप में, पराग अपने अनिवेशित इक्विटी अवॉर्ड्स का 100% निवेश करेंगे.

इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि गुरुवार को ट्विटर में बतौर चीफ एलन मस्क के पदभार संभालने के बाद तीन और अन्य प्रमुख अधिकारियों की छुट्टी हुई है. उन्हें कंपनी से बाहर निकालने से पहले छह महीने से अधिक समय तक सार्वजनिक और कानूनी तकरार हुई, जो अब दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति मस्क के सीईओ की जिम्मेदारी संभालने के साथ खत्म हुई है.

पिछले साल  नवंबर में CEO बने थे पराग अग्रवाल

ट्विटर के प्रॉक्सी के मुताबिक, पराग अग्रवाल कंपनी में पहले चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर थे, इसके बाद पिछले साल नवंबर में उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया गया. 2021 में उनके हर्जाने की कुल कीमत 30.4 मिलियन डॉलर थी.


कैसे हुई ट्विटर डील

इस साल के अप्रैल महीने में एलन मस्क ने ट्विटर डील खरीदने का ऐलान किया था. सबसे पहले उन्होंने 9.2 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद एलन मस्क को ट्विटर के बोर्ड में शामिल होने का इनवाइट दिया गया था. इसके बाद उन्होंने बोर्ड में शामिल होने से मना कर दिया था और 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदने का प्रस्ताव रखा था. 

शुरुआती समय में शेयरहोल्डर्स ने इस फैसले पर कोई राय नहीं दी लेकिन बाद में मान गए. लेकिन मई महीने में एलन मस्क और पराग अग्रवाल बॉट अकाउंट्स को लेकर एक दूसरे के सामने आ गए, जिसके बाद मस्क ने ट्विटर डील को होल्ड कर दिया. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और अब फाइनली एलन मस्क इस डील को पूरा कर चुके हैं. 

इससे पहले एलन मस्क ने ट्विटर के टॉप ऑफिसर्स पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट्स की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. मस्क ने गुरुवार को कहा था कि वह ट्विटर को 'अधिक मानवता की मदद करने की कोशिश करने के लिए खरीद रहे हैं, जिससे मैं प्यार करता हूं.'  मस्क ने सौदे के बारे में एक शुरुआती फाइलिंग में कहा था, "मुझे प्रबंधन पर भरोसा नहीं है."

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